Russia Ukraine War: ‘पक्की दोस्ती’ की कसमें खाने वाले चीन ने रूस की पीठ में घोंपा छुरा! जंग के बीच किया ये काम

Russia-Ukraine War Latest News Today: यूक्रेन (Ukraine) से युद्ध करते हुए रूस (Russia) को 11 महीने पूरे हो गए हैं, लेकिन जंग का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. फरवरी, 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो ऐसा लगा था कि ताकतवर रूस जल्द ही यूक्रेन को अपने कब्जे में ले लेगा, लेकिन युद्ध लंबा खिंचता चला जा रहा है. कई लोग इसे रूस की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की असफलता भी मान रहे हैं. इस भीषण जंग के बीच मुश्किल समय में चीन (China) रूस का साथ छोड़ता नजर आ रहा है. जो चीन, रूस के साथ अब तक पक्की दोस्ती की कसमें खाता था, वो अब यूरोप से रिश्ते सुधारने के लिए रूस की मदद करने से पीछे हट रहा है.

चीन ने रूस को दिया धोखा

बता दें कि चीन, यूरोप के साथ अपने संबंधों को सुधारना चाहता है और अमेरिका से भी तनाव को कम करना चाहता है. खबरें हैं कि इस वजह से चीन ने रूस के साथ अपनी दोस्ती को सीमित करना शुरू कर दिया है. जान लें कि पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से सिर्फ एक बार पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई है. हालांकि, युद्ध शुरू होने से करीब 20 दिन पहले पुतिन और जिनपिंग के बीच हुई बैठक में ये कहा गया था कि दोनों देश ‘हर क्षेत्र में सहयोग’ करेंगे.

क्या यूक्रेन में असफल हो रहा रूस?

गौरतलब है कि इन दिनों व्लादिमीर पुतिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन होगा. इसके बाद यूक्रेन के इलाकों पर रूस ने कब्जा तो जरूर किया है लेकिन उसको कड़ी जवाबी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा. यूक्रेन ने युद्ध के दौरान रूस के कब्जे वाले अपने कई हिस्सों को वापस भी छीन लिया है.

चीन नहीं कर रहा रूस की मदद

हालांकि, चीनी नेता अमेरिका को रूस-यूक्रेन के बीच जंग का जिम्मेदार जरूर बताते रहे हैं. उन्होंने इसे नाटो के विस्तार का नतीजा बताया है. लेकिन, जंग के बीच रूस की मदद करने में ड्रैगन ने खासी दिलचस्पी नहीं दिखाई है. अमेरिकी न्यूज़पेपर वॉशिंगटन पोस्ट में ये दावा भी किया गया है कि रूस, चीन से कई बार तकनीकी और वित्तीय मदद मांग चुका है.

चीन की धोखेबाजी के पीछे वजह ये भी बताई जा रही है कि रूसी आक्रमण के कारण ऊर्जी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और इस वजह लोग चीन का सामान पहले के मुकाबले कम खरीद पा रहे हैं. ये भी कहा जा रहा है कि 2022 के पहले 6 महीनों में चीन ने रूस में नया निवेश नहीं किया. जबकि अमेरिका और यूरोप चीन के मुख्य ट्रेडिंग पार्टनर रहे हैं.

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