सीमाओं की रक्षा के लिए भारत के समर्पण को दुनिया देख रही है

पीएम ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान भारत चीन तनाव पर कहा कि भारत के अपनी सीमाओं और संप्रभुता के प्रति समर्पण को दुनिया देख रही है। लद्दाख में जिन्होंने हमारी जमीन को कब्जाने की कोशिश की, उन्हें करारा जवाब दिया गया।

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ज्यादा आक्रामक हुआ ड्रैगन

एक सरकारी अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया है कि जब भारत सरकार ने बीती साल अगस्त में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया था, उसके कुछ दिन बाद ही लद्दाख में तनाव बढ़ने के संकेत मिलने शुरू हो गए थे। बीते साल सितंबर में चीनी सैनिकों की दो कंपनियों ने फिंगर 4 इलाके में घुसपैठ की थी। इस दौरान भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी, जिसमें सेना और आईटीबीपी के 10 जवान घायल भी हुए थे। इतना ही नहीं चीनी सैनिकों ने भारतीय सेना की तीन बोट भी तोड़ दीं थी। इसके जवाब में भारतीय जवानों ने भी चीन की दो बोट को नुकसान पहुंचाया था। चीनी सैनिकों ने उस दौरान फिंगर 4 पर बनायी गई एक अस्थायी पोस्ट को भी तहस नहस कर दिया था। इसके बाद से ही चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की फिंगर 8 तक होने वाली पेट्रोलिंग को ब्लॉक करना शुरू कर दिया था।

चीन का वायुसेना है ज्यादा ताकतवर

भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने की सूरत में देखा जाए तो चीन की वायुसेना ज्यादा ताकतवर दिखाई दे रही है। बता दें कि चीन के पास 2100 से ज्यादा फाइटर जेट हैं। वहीं भारत के पास यह संख्या महज 550 फाइटर जेट की है। इसके अलावा चीन के पास भारत से बेहतर एयर डिफेंस और मिसाइल सिस्टम है।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने फिर जारी किया प्रोपेगैंडा वीडियो

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने फिर से पीएलए की एक वीडियो जारी की है। इस वीडियो में चीनी सेना के स्नाइपर राइफल से निशाना लगाते नजर आ रहे हैं। सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए इसे चीन के प्रोपेगैंडा के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले भी चीन अपनी सेना के ऐसे वीडियो जारी कर चुका है।

चीन से बिजली उपकरणों के आयात के लिए लेनी होगी पहले मंजूरी: आर के सिंह

चीन के साथ सीमा टकराव के बीच केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने विद्युत प्रणाली की सुरक्षा को अधिक चाक-चौबंद करने के लिये इसमें विनिर्मित उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ अब चीन जैसे पड़ोसी देशों से बिजली उपकरण आयात करने से पहले उसकी मंजूरी लेना अनिवार्य करने का निर्णय किया है। मंत्रालय का यह भी निर्णय है कि आयातित बिजली उपकरणों की साइबर सुरक्षा की दृष्टि से भारत की प्रयोगशालाओं में कड़ाई से जांच होगी। इसके साथ ही बिजली पारेषण और अन्य संबंधित प्रणालियों पर साइबर हमलों के खिलाफ निगरानी और उससे बचाव की रणनीति तैयार करने के लिये केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अंतर्गत एक समिति भी बनायी गयी है। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने ‘भाषा’ के साथ विशेष बातचीत में कहा, ‘‘बिजली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र है। 

चीनी सेना ने गलवान घाटी में एलएसी से 9 किलोमीटर के दायरे में कई नए कैंप बनाए!

इसी बीच, कुछ सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी में एलएसी से 9 किलोमीटर के दायरे में कई नए कैंप बनाए हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यहां 16 चाइनीज कैंप दिखाई दे रहे हैं। तस्वीरों से साफ है कि चीनी सेना इस इलाके से पीछे नहीं हटी है, जबकि 22 जून को भारत और चीन के बीच हुई कमांडर लेवल की बातचीत में दोनों सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनी थी।

जिन्होंने भारतीय जमीन पर निगाह डाली उन्हें लद्दाख में करारा जवाब दिया गया- PM मोदी

इससे पहले मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि ‘जिन्होंने भारतीय जमीन पर निगाह डाली उन्हें लद्दाख में करारा जवाब दिया गया है। हमारे सैनिकों ने दिखाया कि वह कभी भी मातृभूमि के सम्मान को नुकसान नहीं होने देंगे।’ पीएम ने  भारत चीन तनाव पर कहा कि भारत के अपनी सीमाओं और संप्रभुता के प्रति समर्पण को दुनिया देख रही है। एलएसी के नजदीक तिब्बत में चीन के एयरबेस एक्टिव होने की खबर है। खबरें हैं कि इन एयरबेस पर चीनी लड़ाकू विमानों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। जिस पर भारतीय वायुसेना बारीकी से नजर रखे हुए है। वहीं अपनी तैयारियों को पुख्ता करते हुए भारत ने लद्दाख में एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात कर दिया है। यह सिस्टम जमीन से ही हवा में मिसाइल से मार करने में सक्षम है।

कांग्रेस का आरोप, पीएम केयर्स में चीनी कंपनियों से दान लिया गया

भाजपा द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम-केयर्स) में चीनी कंपनियां दान दे रही हैं और पूछा कि जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण गतिरोध चल रहा है तो इस रकम को स्वीकार क्यों किया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बीते छह साल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ “18 मुलाकातों” पर भी सवाल उठाए और पूछा कि उन्होंने चीन को अब तक क्यों “हमलावर” नहीं कहा। सिंघवी का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान यह कहने के कुछ घंटों के बाद आया कि लद्दाख में उसकी जमीन पर बुरी नजर रखने वालों को भारत ने उचित जवाब दिया है।

कब होगी राष्ट्र रक्षा और सुरक्षा की बात?

इससे पहले, पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम द्वारा देशवासियों के सामने अपने विचार रखे। भारत चीन तनाव के बीच हुए इस मन की बात कार्यक्रम पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निशाना साधा है। एक ट्वीट कर उन्होंने पूछा कि “कब होगी राष्ट्र रक्षा और सुरक्षा की बात?”। बता दें कि लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर है। खासकर जब से पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा था कि किसी ने भी भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं की है। उसके बाद से कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार सवाल उठा रहे हैं कि सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने हमारे इलाके में घुसपैठ की है। साथ ही गलवान घाटी में हुई झड़प में जो हमारे जवान शहीद हुए, वो क्यों और किसकी जमीन पर शहीद हुए? कांग्रेस पार्टी पीएम से सीमा विवाद की सच्चाई बताने की मांग कर रही है।

पीओके के एयरबेस पर सेना की नजर

लद्दाख में एलएसी के नजदीक तिब्बत में चाइनीज एयरबेस पर एक्टिविटी बढ़ गई हैं। इसी बीच पीओके स्थित पाकिस्तान के स्कार्दू एयरबेस पर भी पाकिस्तानी विमानों की आवाजाही देखी गई है। जिसके चलते भारतीय वायुसेना सतर्क हो गई है और पीओके के एयरबेस पर नजर रखी जा रही है।

गलवान हिंसा के बाद चीन ने बॉर्डर पर भेजे 20 मार्शल आर्ट एक्सपर्ट

ऐसी खबरें हैं कि चीन ने 20 मार्शल आर्ट एक्सपर्ट को बॉर्डर पर भेजा है। माना जा रहा है कि चीनी सैनिकों को मार्शल आर्ट के दांव-पेच सिखाने के लिए उन्हें भेजा गया है। गलवान घाटी में बीती 15 जून को हुई हिंसा के बाद चीन ने यह कदम उठाया है।

लद्दाख के देपसांग इलाके में सेना ने बढ़ायी सैनिकों की तैनाती

चीनी सेना ने लद्दाख के पैंगोंग त्सो, हॉट स्प्रिंग और गलवान घाटी के बाद देपसांग इलाके में भी अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। इसके जवाब में भारत ने भी वहां सेना की कई टुकड़ियों की तैनाती कर दी है।

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