जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |
कारण-
घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है –
1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |
2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |
दर्द के अन्य कारण-
* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |
* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |
* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |
* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |
* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)
* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |
घरेलू देखभाल-
1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |
2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |
3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)
4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |
घुटनों के व्यायाम-
1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |
2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |
3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |
4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना – 100 बार |
5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |
6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |
7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |
यौगिक साइकिलिंग-
1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |
2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |